NCERT MCQ Solutions Class 7 Hindi Malhar Chapter 8 बिरजू महाराज से साक्षात्कार (Session 2025-26) में छात्रों को कथक के महान नर्तक पद्मविभूषण पंडित बिरजू महाराज के जीवन और कला से परिचित कराया गया है। यह अध्याय उनके संघर्षमय बचपन, माँ का सहयोग, कथक की परंपरा, गुरु-शिष्य संबंध और नृत्य व संगीत के महत्व को दर्शाता है। MCQ प्रश्न छात्रों की समझ को गहरा करने और कला-संस्कृति के महत्व को जानने में सहायक हैं।
कक्षा 7 हिंदी मल्हार के प्रश्न-उत्तर
कक्षा 7 हिंदी मल्हार के MCQ
कक्षा 7 सभी विषयों के MCQ

बिरजू महाराज से साक्षात्कार Class 7 Hindi Malhar Chapter 8 MCQ

Q1. बिरजू महाराज के बचपन में आर्थिक परेशानियां कब बढ़ने लगीं?

[A]. माता के देहांत के बाद
[B]. पिता के देहांत के बाद
[C]. चाचा के देहांत के बाद
[D]. नवाब के देहांत के बाद

Q2. कठिन समय में बिरजू महाराज की सबसे बड़ी सहयोगी कौन थी?

[A]. उनकी बहन
[B]. उनकी पत्नी
[C]. उनकी माता
[D]. उनकी चाची

Q3. बिरजू महाराज ने कथक किससे सीखा?

[A]. केवल अपने पिता से
[B]. केवल अपने चाचाओं से
[C]. अपने पिता और चाचाओं से
[D]. किसी बाहरी गुरु से

Q4. ‘गंडा’ क्या होता है?

[A]. एक आभूषण
[B]. गुरु और शिष्य के बीच पवित्र रिश्ते का प्रतीक
[C]. एक वाद्य यंत्र
[D]. एक नृत्य मुद्रा

Q5. बिरजू महाराज की शिष्या शोभना नारायण का क्या पेशा है?

[A]. डॉक्टर
[B]. इंजीनियर
[C]. आई.ए.एस. अफसर
[D]. वकील

कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 8 की विशेषताएँ

अध्याय “बिरजू महाराज से साक्षात्कार” की सबसे बड़ी विशेषता इसका संवादात्मक स्वरूप है। इसमें बच्चों द्वारा पूछे गए सरल और रोचक प्रश्नों के माध्यम से पाठकों को बिरजू महाराज के व्यक्तित्व, संघर्ष और नृत्य साधना की झलक मिलती है। यह अध्याय केवल कथक के नर्तक की जीवनी नहीं बल्कि उनकी संवेदनशीलता, अनुशासन और साधना की कहानी भी है। इसमें पारिवारिक परिस्थितियों, गुरु-शिष्य परंपरा, कथक की उत्पत्ति और उसकी शास्त्रीयता के पहलुओं का संतुलित चित्रण है। भाषा सहज और भावपूर्ण है, जिससे विद्यार्थियों को विषय से आत्मीयता और प्रेरणा दोनों मिलती हैं।

Q6. कथक की परंपरा की चर्चा कहां मिलती है?

[A]. केवल रामायण में
[B]. केवल महाभारत में
[C]. महाभारत के आदिपर्व और रामायण में
[D]. केवल पुराणों में

Q7. लखनऊ घराने के कलाकार मूलतः कहां के निवासी थे?

[A]. लखनऊ के
[B]. बनारस-इलाहाबाद के बीच हरिगांव के
[C]. दिल्ली के
[D]. जयपुर के

Q8. नृत्य सीखने के लिए क्या आवश्यक है?

[A]. केवल शारीरिक शक्ति
[B]. केवल पैसा
[C]. संगीत की लय का ज्ञान
[D]. केवल समय

Q9. लय का क्या महत्व है?

[A]. केवल संगीत के लिए जरूरी
[B]. हर काम में संतुलन बनाती है।
[C]. केवल नृत्य के लिए उपयोगी
[D]. कोई खास महत्व नहीं।

Q10. बिरजू महाराज ने कथक में कैसे नवाचार किए?

[A]. पुरानी परंपरा बदल दी
[B]. नई मुद्राएं जोड़ीं
[C]. पुरानी परंपरा रखकर प्रस्तुतिकरण में बदलाव
[D]. केवल आधुनिक संगीत का प्रयोग

कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 8 की विषय-वस्तु

इस अध्याय का मुख्य विषय भारतीय शास्त्रीय नृत्य कथक और पंडित बिरजू महाराज का जीवन है। इसमें बताया गया है कि कैसे कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने नृत्य के प्रति अपनी निष्ठा बनाए रखी और साधना जारी रखी। कथक की परंपरा, गुरु-शिष्य संबंध की पवित्रता, लय का महत्व और शास्त्रीय व लोक नृत्य का अंतर बड़े सरल रूप में स्पष्ट किया गया है। साथ ही, यह पाठ नृत्य और संगीत को केवल मनोरंजन का साधन न मानकर जीवन की गहराई से जोड़ता है। इसमें परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत संतुलन दिखाई देता है।

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Q11. अलग-अलग भाषाओं के कवियों की रचनाओं पर कैसे नृत्य करते हैं?

[A]. भाषा सीखकर
[B]. अनुवाद करके
[C]. भावों की एकरूपता के आधार पर
[D]. केवल हिंदी में

Q12. परंपरा किसके समान होती है?

[A]. नदी के समान
[B]. पर्वत के समान
[C]. वृक्ष के समान
[D]. आकाश के समान

Q13. पहले कथक कहां होता था?

[A]. मंच पर
[B]. फर्श पर चांदनी बिछाकर
[C]. खुले आकाश में
[D]. राजमहलों में

Q14. पहले कथक करने वाले श्रृंगार के लिए क्या उपयोग करते थे?

[A]. आधुनिक कॉस्मेटिक्स
[B]. चंदन लेप और पान
[C]. केवल तेल
[D]. कोई श्रृंगार नहीं

Q15. बिरजू महाराज ने बचपन में कौन सा वाद्य यंत्र बजाना शुरू किया?

[A]. सितार
[B]. तबला
[C]. हारमोनियम
[D]. बांसुरी
कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 8 की नीति तथा संदेश

इस अध्याय से विद्यार्थियों को यह संदेश मिलता है कि कड़ी मेहनत, लगन और अनुशासन से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है। बिरजू महाराज ने संघर्षों के बावजूद अभ्यास कभी नहीं छोड़ा और यही उनकी उपलब्धियों की कुंजी बनी। यह भी शिक्षा मिलती है कि बच्चों की रुचि और हुनर को परिवार द्वारा प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, क्योंकि कला और ज्ञान ऐसा खजाना है जो कभी नष्ट नहीं होता। नृत्य और संगीत जीवन में संतुलन, अनुशासन और सहयोग की भावना उत्पन्न करते हैं। इस तरह अध्याय कला-संस्कृति की महत्ता को उजागर करता है।

Q16. लोक नृत्य और शास्त्रीय नृत्य में मुख्य अंतर क्या है?

[A]. वेशभूषा में अंतर
[B]. समय की अवधि में अंतर
[C]. लोक नृत्य सामूहिक, शास्त्रीय एकल
[D]. कोई अंतर नहीं।

Q17. शास्त्रीय नृत्य की कितनी प्रमुख शैलियां हैं?

[A]. पांच
[B]. छह
[C]. सात
[D]. आठ

Q18. कथक की भाव-भंगिमा कहां से ली गई होती है?

[A]. मूर्तिकला से
[B]. दैनिक जीवन से
[C]. प्रकृति से
[D]. पुस्तकों से

Q19. कथक में गर्दन कैसे हिलाई जाती है?

[A]. तेज गति से
[B]. चिराग की लौ के समान हल्के से
[C]. केवल एक दिशा में
[D]. बिल्कुल नहीं

Q20. बिरजू महाराज को कौन सी मशीनों में रुचि है?

[A]. केवल संगीत यंत्र
[B]. सभी प्रकार की मशीनें
[C]. केवल कंप्यूटर
[D]. केवल कार
कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 8 का सारांश

“बिरजू महाराज से साक्षात्कार” अध्याय में कथक नृत्य के महान आचार्य पंडित बिरजू महाराज के जीवन, विचारों और अनुभवों को प्रस्तुत किया गया है। इसमें उनके बचपन की कठिनाइयाँ, माँ का सहयोग, कथक की परंपरा और शास्त्रीय व लोक नृत्य का अंतर प्रमुख रूप से सामने आता है। बिरजू महाराज ने परंपरा को संभालते हुए उसमें नए प्रयोग किए और भारतीय संस्कृति को वैश्विक मंच पर सम्मान दिलाया। अध्याय विद्यार्थियों को यह सिखाता है कि कला, अनुशासन और परिश्रम से जीवन को सुंदर और सार्थक बनाया जा सकता है।

Q21. बिरजू महाराज चित्र कब बनाते हैं?

[A]. सुबह के समय
[B]. दिन में
[C]. रात बारह बजे के बाद
[D]. शाम को

Q22. बिरजू महाराज ने कितने समय में लगभग कितने चित्र बनाए हैं?

[A]. एक वर्ष में पचास
[B]. दो वर्ष में सत्तर
[C]. तीन वर्ष में सौ
[D]. चार वर्ष में नब्बे

Q23. बिरजू महाराज माता-पिता से क्या विनती करते हैं?

[A]. बच्चों को सख्त अनुशासन दें।
[B]. बच्चों की रुचि के अनुसार लय के साथ खेलने दें।
[C]. केवल पढ़ाई पर ध्यान दें।
[D]. बच्चों को कभी न डांटें

Q24. बिरजू महाराज की बहनों ने कथक क्यों नहीं सीखा?

[A]. उनकी रुचि नहीं थी।
[B]. उस समय लड़कियों को नहीं सिखाया जाता था।
[C]. वे बहुत छोटी थीं।
[D]. वे दूसरी कला सीख रही थीं।

Q25. संगीत सीखने का क्या लाभ है?

[A]. केवल करियर बनाने के लिए।
[B]. केवल मनोरंजन के लिए।
[C]. मन की शांति और अनुशासन के लिए।
[D]. केवल प्रसिद्धि पाने के लिए।