NCERT MCQ Solutions Class 7 Hindi Malhar Chapter 7 वर्षा-बहार (सत्र 2025-26) में वर्षा ऋतु की मनमोहक छटा का सुंदर चित्रण प्रस्तुत किया गया है। मुकुटधर पांडेय ने इस कविता में घनघोर बादलों, बिजली की चमक, ठंडी हवाओं, मोर के नृत्य, मेंढकों के गीत और पपीहे की पुकार के माध्यम से प्रकृति की अनुपम सुंदरता को जीवंत किया है। यह अध्याय विद्यार्थियों को प्रकृति-सौंदर्य के महत्व और वर्षा बहार की अनोखी शोभा से परिचित कराता है।
कक्षा 7 हिंदी मल्हार के प्रश्न-उत्तर
कक्षा 7 हिंदी मल्हार के MCQ
कक्षा 7 सभी विषयों के MCQ
वर्षा-बहार Class 7 Hindi Malhar Chapter 7 MCQ
Q1. कविता का मुख्य विषय क्या है?
Q2. कविता के अनुसार वर्षा में मन की क्या स्थिति होती है?
Q3. कविता में किसका चमकना और गर्जना का वर्णन है?
कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 7 की विशेषताएँ
‘वर्षा-बहार’ कविता की प्रमुख विशेषता इसका प्रकृति-सौंदर्य का सजीव चित्रण है। कवि मुकुटधर पांडेय ने वर्षा ऋतु के अलग-अलग रूपों को बड़ी सरल और सुंदर भाषा में प्रस्तुत किया है। कविता में बादलों की गर्जना, बिजली की चमक, झरनों का बहना, ठंडी हवाओं का बहना और पेड़ों की लहराती डालियाँ सबकुछ पाठकों को वास्तविक अनुभव कराते हैं। साथ ही, जीव-जंतुओं जैसे मोर, मेंढक, पपीहा और हंसों का वर्णन वर्षा के आनंद को और गहराई देता है। प्रकृति को मानवीय भावनाओं से जोड़ना इस कविता की विशेषता है।
Q4. कविता के अनुसार पानी कहां बरस रहा है?
Q5. कविता में मोर के नृत्य का क्या कारण बताया गया है?
Q6. कविता में “अनोखी बहार” से क्या तात्पर्य है?
कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 7 की विषयवस्तु
इस कविता का मुख्य विषय वर्षा ऋतु की मनोहारी छटा और उससे उत्पन्न सुखद वातावरण है। कवि ने दिखाया है कि कैसे बरसात धरती पर जीवन का उल्लास और ताजगी लेकर आती है। तालाबों में जल भरने से जलचर प्राणी प्रसन्न हो जाते हैं, खेतों में हरियाली लौट आती है और वातावरण शीतल हो उठता है। पक्षियों और पशुओं के उल्लासपूर्ण व्यवहार से यह स्पष्ट होता है कि वर्षा केवल मनुष्यों ही नहीं, बल्कि समस्त जीव-जगत के लिए आनंद और जीवन का स्रोत है।
Q7. कविता के अनुसार बागों में क्या हो रहा है?
Q8. तालों में क्या हो रहा है?
Q9. कविता के अनुसार किसानों की क्या स्थिति है?
कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 7 से शिक्षा और संदेश
‘वर्षा-बहार’ कविता हमें यह संदेश देती है कि प्रकृति का हर रूप मानव जीवन के लिए आवश्यक और उपयोगी है। वर्षा केवल खेतों और बागों की हरियाली ही नहीं लाती, बल्कि जीव-जंतुओं और पक्षियों को भी जीवन और ऊर्जा देती है। यह कविता हमें प्रकृति के साथ संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा देती है। हमें यह समझना चाहिए कि पर्यावरण और प्राकृतिक चक्र हमारी जीवनरेखा हैं, जिन्हें हमें सहेजकर रखना है। प्रकृति का आदर और संरक्षण करना ही सच्ची मानवता का परिचय है।
Q10. कविता में किस प्राकृतिक ध्वनि का वर्णन है?
Q11. कविता के अनुसार चलती हवा कैसी है?
Q12. कविता में दिलखुश डालियों का क्या अर्थ है?
कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 7 का सारांश
‘वर्षा-बहार’ कविता में कवि मुकुटधर पांडेय ने वर्षा ऋतु की मनोरम छवियों को बड़ी सुंदरता से प्रस्तुत किया है। आकाश में बादलों की गरज, बिजली की चमक, ठंडी हवाओं का बहना और झरनों का कलकल प्रवाह दृश्य को अत्यंत आकर्षक बनाते हैं। मोरों का नृत्य, मेंढकों का गान, पपीहे की पुकार और हंसों की कतारें इस ऋतु की शोभा को और बढ़ा देते हैं। यह कविता बताती है कि वर्षा ऋतु समस्त जीव-जगत को उल्लास और जीवन प्रदान करती है और सम्पूर्ण जगत की शोभा इसी पर आधारित है।