NCERT MCQ Solutions Class 7 Hindi Malhar Chapter 6 गिरिधर कविराय की कुंडलिया Session 2025-26 में विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर संकलित हैं। इस अध्याय का मुख्य विषय है— सोच-समझकर कार्य करना और बीते हुए समय को भूलकर आगे की ओर बढ़ना। कवि गिरिधर कविराय अपनी सरल और नीतिपरक कुण्डलियों के माध्यम से जीवन की व्यावहारिक शिक्षाएँ देते हैं। यह अध्याय छात्रों को विवेकपूर्ण निर्णय और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा प्रदान करता है।
कक्षा 7 हिंदी मल्हार के प्रश्न-उत्तर
कक्षा 7 हिंदी मल्हार के MCQ
कक्षा 7 सभी विषयों के MCQ
गिरिधर कविराय की कुंडलिया Class 7 Hindi Malhar Chapter 6 MCQ
Q1. पहली कुंडलिया के अनुसार बिना विचारे काम करने वाले व्यक्ति के साथ क्या होता है?
Q2. दूसरी कुंडलिया में मुख्य सलाह क्या दी गई है?
Q3. “जो बनि आवै सहज में ताही में चित देइ” का क्या अर्थ है?
Q4. गिरिधर कविराय की कुंडलियों की मुख्य विशेषता क्या है?
कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 6 की विशेषताएँ
गिरिधर कविराय की कुण्डलियाँ अपनी सरल भाषा और लोकनीति के लिए प्रसिद्ध हैं। कवि ने ऐसे पदों की रचना की जो आम जनता द्वारा कहावतों की तरह बोले जाते हैं। “बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछताय” जैसी पंक्तियाँ लोगों के जीवन का मार्गदर्शन करती हैं। उनकी रचनाओं में घर-गृहस्थी और समाज के सामान्य व्यवहार का सुंदर चित्रण मिलता है। वे कठिन शब्दावली से बचते हुए सीधे और सहज ढंग से अपनी बात रखते हैं। यही कारण है कि उनकी कविताएँ जनमानस में गहराई तक पहुँच गईं और आज भी स्मरणीय बनी हुई हैं।
Q5. “खटकत है जिय माहि कियो जो बिना बिचारे” का अर्थ क्या है?
Q6. कुंडलिया छंद की कौन सी विशेषता इन कविताओं में दिखाई देती है?
Q7. “खान पान सन्मान राग रंग मनहि न भावै” में किस स्थिति का वर्णन है?
Q8. गिरिधर कविराय का जन्म किस सदी में हुआ था?
विषय-वस्तु की दृष्टि से कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 6
अध्याय का मुख्य विषय जीवन में विवेक और विचारशीलता का महत्व है। कवि ने स्पष्ट कहा है कि बिना सोचे-समझे किए गए कार्य का परिणाम प्रायः दुख और पछतावा होता है। इसके साथ ही उन्होंने यह शिक्षा भी दी है कि बीती बातों पर रोने की बजाय वर्तमान और भविष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। व्यक्ति अगर गलतियों को भुलाकर आगे बढ़े तो उसका जीवन सुखमय हो सकता है। इस अध्याय में व्यावहारिक जीवन दर्शन प्रस्तुत है जो हर आयु वर्ग के लिए मार्गदर्शक है।
Q9. “दुर्जन हंसै न कोइ चित में खता न पावै” का क्या संदेश है?
Q10. कुंडलिया में तुकांत का क्या महत्व है?
Q11. “समुझि बीती सो बीती” से क्या शिक्षा मिलती है?
Q12. गिरिधर कविराय की भाषा शैली की क्या विशेषता है?
कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 6 की मुख्य शिक्षा
गिरिधर कविराय की कुण्डलियाँ नैतिकता और जीवन-दर्शन से भरपूर हैं। इन पदों से यह शिक्षा मिलती है कि हर कार्य सोच-समझकर करना चाहिए क्योंकि जल्दबाज़ी और अविवेक से नुकसान होता है। साथ ही, अतीत की नकारात्मक घटनाओं में उलझे रहना व्यर्थ है, क्योंकि यह वर्तमान की शांति और भविष्य की संभावनाओं को बिगाड़ देता है। कवि समझाते हैं कि विवेक, धैर्य और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने वाला व्यक्ति जीवन में सम्मान और सुख प्राप्त करता है। यह नीति सरल शब्दों में गहन जीवन मूल्य सिखाती है।
Q13. कुंडलिया छंद में कितनी पंक्तियों में बात कही जाती है?
Q14. “आगे को सुख होइ” में किस पर जोर दिया गया है?
Q15. इन कुंडलियों का मुख्य उद्देश्य क्या है?
कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 6 का सारांश
कक्षा 7 हिंदी मल्हार के इस अध्याय में गिरिधर कविराय की दो कुण्डलियाँ दी गई हैं। पहली कुण्डलिया बिना विचार के कार्य करने के दुष्परिणामों को बताती है, जबकि दूसरी कुण्डलिया अतीत को भूलकर वर्तमान और भविष्य पर ध्यान देने की प्रेरणा देती है। दोनों रचनाएँ सरल, सहज और कहावतों जैसी प्रभावशाली हैं। कवि का उद्देश्य पाठकों को जीवन की व्यावहारिक नीति से परिचित कराना है। इस प्रकार यह अध्याय विवेक, धैर्य और सकारात्मक सोच की शिक्षा देकर विद्यार्थियों के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होता है।