NCERT MCQ Solutions Class 7 Hindi Malhar Chapter 5 नहीं होना बीमार (सत्र 2025-26), इस अध्याय में लेखक ने हास्यपूर्ण शैली में बच्चे की मासूमियत और शरारत को दर्शाया है। बच्चा सोचता है कि बीमार होने पर ठाठ से आराम और खीर खाने को मिलता है, लेकिन जब वह बीमारी का नाटक करता है तो भूखे पेट, ऊब और परेशानी से समझ आता है कि स्वस्थ रहना ही सबसे अच्छा है। यह अध्याय स्वास्थ्य के महत्व को सिखाता है।
कक्षा 7 हिंदी मल्हार के प्रश्न-उत्तर
कक्षा 7 हिंदी मल्हार के MCQ
कक्षा 7 सभी विषयों के MCQ
नहीं होना बीमार Class 7 Hindi Malhar Chapter 5 MCQ
Q1. लेखक नानी के साथ पहली बार अस्पताल क्यों गया था?
Q2. लेखक को अस्पताल का माहौल कैसा लगा?
Q3. नानीजी अस्पताल में सुधाकर काका के लिए क्या लेकर गई थीं?
Q4. सुधाकर काका को देखकर लेखक के मन में क्या इच्छा जागी?
कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 5 के पात्रों की विशेषताएँ
इस अध्याय “नहीं होना बीमार” में मुख्य पात्र एक बच्चा है, जो मासूम, जिज्ञासु और थोड़ी-सी शरारती प्रवृत्ति का है। वह अस्पताल में बीमार सुधाकर काका को देखकर बीमार होने को ठाठ समझता है। नानीजी स्नेहमयी और देखभाल करने वाली हैं, वहीं नानाजी व्यवहारिक और सख्त हैं, जो दवा और काढ़े से इलाज करते हैं। परिवार के अन्य सदस्य अपने-अपने कार्यों में व्यस्त रहते हैं। इस पूरे प्रसंग में बच्चे की भोली मानसिकता, उसकी कल्पनाएँ और बाद की निराशा स्पष्ट झलकती है, जिससे उसका स्वाभाविक बचपना सामने आता है।
Q5. बीमार पड़ने का नाटक करते हुए लेखक ने नानीजी से क्या शिकायत की?
Q6. जब नानाजी ने कहा कि बुखार नहीं है, तो लेखक ने थर्मामीटर लाने के लिए क्यों कहा?
Q7. लेखक को बीमारी के इलाज के रूप में नानाजी से क्या मिला?
Q8. दवा देने के बाद नानाजी ने लेखक को क्या करने की सलाह दी?
कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 5 की विषय-वस्तु
अध्याय की मूल विषय-वस्तु यह है कि बीमारी कोई सुखद अनुभव नहीं, बल्कि तकलीफ़ और परेशानी का समय होता है। लेखक ने हास्य और व्यंग्य का सहारा लेकर यह दिखाया है कि बच्चे अक्सर बाहर से देखकर ही परिस्थितियों को आसान या मजेदार समझ लेते हैं। लेकिन वास्तविकता में बीमार होना कठिन है, जिसमें दवा, कड़वे काढ़े, भूख और बिस्तर पर पड़े रहने की मजबूरी शामिल है। इस कहानी में स्वस्थ जीवन की महत्ता और परिवार के स्नेहिल वातावरण की झलक मिलती है।
Q9. बिस्तर पर लेटे-लेटे लेखक को कैसा महसूस हो रहा था?
Q10. बीमारी का नाटक करने का लेखक के लिए सबसे बुरा परिणाम क्या था?
Q11. भूख लगने पर लेखक किन-किन चीज़ों के बारे में सोच रहा था?
Q12. रसोई से आ रही किस चीज़ की खुशबू ने लेखक को सबसे ज़्यादा ललचाया?
कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 5 का मुख्य संदेश
इस कहानी का मुख्य संदेश है कि हमें कभी भी बीमारी का बहाना बनाकर जिम्मेदारियों से बचने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। स्वास्थ्य का महत्व केवल तब समझ आता है जब कोई असल में बीमार पड़ता है। बच्चा जब पूरे दिन भूखा और बिस्तर पर पड़ा ऊब जाता है, तब उसे समझ आता है कि स्कूल जाना, खेलना और दोस्तों के साथ रहना बीमारी के झूठे सुख से कहीं बेहतर है। कहानी हमें यह सिखाती है कि स्वस्थ रहना ही सबसे बड़ा सुख है।
Q13. दबे पाँव दरवाज़े तक जाकर झाँकने पर लेखक ने क्या देखा?
Q14. लेखक को सबसे ज़्यादा गुस्सा और कुढ़न कब हुई?
Q15. इस घटना के बाद लेखक ने क्या सबक सीखा?
Q16. ‘नहीं होना बीमार’ कहानी के लेखक कौन हैं?
कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 5 का सारांश
“नहीं होना बीमार” में बच्चा बीमार पड़ने को सुखद मान लेता है और स्कूल से बचने के लिए बीमारी का नाटक करता है। लेकिन असलियत में उसे दवा, काढ़ा और भूखा पेट झेलना पड़ता है। बाहर की चहल-पहल, स्वादिष्ट भोजन और खेलों से दूर रहकर वह ऊब जाता है। अंततः उसे एहसास होता है कि बीमारी झूठे ठाठ नहीं, बल्कि बड़ी मुसीबत है। यह कहानी सरल भाषा और हास्य शैली में स्वास्थ्य की महत्ता और जिम्मेदारियों के महत्व को उजागर करती है।