NCERT MCQ Solutions Class 7 Hindi Malhar Chapter 3 फूल और काँटा, सत्र 2025-26 के अनुसार, इस अध्याय में कवि अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ ने फूल और काँटे के माध्यम से जीवन का गहरा संदेश दिया है। दोनों एक ही पौधे पर जन्म लेते हैं, परंतु उनके गुण अलग होते हैं। काँटा दुःख और पीड़ा पहुँचाता है, जबकि फूल अपनी सुंदरता, सुगंध और प्रेम से सबका मन मोह लेता है। यही अंतर अच्छे और बुरे कर्मों की पहचान कराता है।
कक्षा 7 हिंदी मल्हार पाठ 3 प्रश्न-उत्तर
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फूल और काँटा Class 7 Hindi Malhar Chapter 3 MCQ
Q1. प्रस्तुत कविता ‘फूल और काँटा’ के कवि कौन हैं?
Q2. फूल और काँटा कहाँ जन्म लेते हैं?
Q3. कविता के अनुसार, कौन सी चीज़ें फूल और काँटे पर एक समान रूप से पड़ती हैं?
Q4. काँटा किसी की उँगलियों का क्या करता है?
कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 3 के पात्रों के गुण
पाठ फूल और काँटा में कवि ने फूल और काँटे की विशेषताओं को बड़े सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया है। काँटा हमेशा दूसरों को पीड़ा देता है। वह उँगलियों को चुभता है, वस्त्र फाड़ देता है और तितलियों व भौंरों को कष्ट पहुँचाता है। उसके स्वभाव में केवल कटुता और कठोरता दिखाई देती है। इसके विपरीत फूल अपनी कोमलता, सुगंध और सुंदरता से सबको आनंदित करता है। वह तितलियों को आकर्षित करता है, भौंरों को रस देता है और अपनी मधुरता से वातावरण को सुशोभित करता है। इस प्रकार फूल और काँटा दो विपरीत स्वभाव के प्रतीक बनते हैं।
Q5. ‘प्यार-डूबी तितलियों का पर कतर’ – यह पंक्ति किसके बारे में कही गई है?
Q6. फूल, तितलियों को क्या प्रदान करता है?
Q7. भौंरे को फूल से क्या मिलता है?
कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 3 की विषय-वस्तु
इस कविता की मूल विषय-वस्तु जीवन में भिन्न स्वभाव और गुणों की तुलना करना है। कवि ने एक ही पौधे पर जन्म लेने वाले फूल और काँटे को प्रतीक बनाकर समझाया है कि समान वातावरण और परिस्थिति मिलने के बाद भी सबका स्वभाव अलग हो सकता है। जहाँ काँटा केवल कष्ट और दुख का प्रतीक है, वहीं फूल प्रेम, सुंदरता और मधुरता का प्रतीक है। यह भेदभाव हमें बताता है कि व्यक्ति का मूल्य उसके कर्म और व्यवहार से तय होता है, न कि केवल जन्म और परिस्थिति से।
Q9. “खटकता एक सब की आँख में” – यह किसके लिए कहा गया है?
Q10. “सोहता सुर शीश पर” का क्या अर्थ है?
Q11. कविता का मुख्य संदेश क्या है?
Q12. काँटा किसका ‘वर वसन’ फाड़ देता है?
कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 3 की नीति
इस अध्याय का मुख्य संदेश यह है कि मनुष्य का जीवन उसकी परिस्थितियों से नहीं, बल्कि उसके कर्मों और गुणों से पहचाना जाता है। जैसे फूल सबको सुख देता है और काँटा सबको दुख पहुँचाता है, वैसे ही इंसान भी अपने आचरण से सम्मान या निंदा पाता है। यदि मनुष्य दूसरों के लिए सहायक, प्रेमपूर्ण और सुखदायी बने तो वह फूल की तरह समाज में पूजनीय बनता है। लेकिन यदि वह कटु, क्रूर और स्वार्थी बने तो काँटे की तरह सभी की आँखों में खटकने लगता है।
Q13. फूल अपने रंग और सुगंध से क्या करता है?
Q14. कविता के अनुसार, ‘कुल की बड़ाई’ का क्या अर्थ है?
Q15. भौंरे के शरीर को काँटा कैसे भेदता है?
Q16. फूल और काँटे को एक जैसा कौन पालता है?
कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 3 का सारांश
फूल और काँटा कविता में कवि ने फूल और काँटे की तुलना कर महत्वपूर्ण जीवन सत्य उजागर किया है। दोनों एक ही पौधे पर पलते-बढ़ते हैं, फिर भी काँटा सदैव दुख देता है जबकि फूल अपने रंग, रस और सुगंध से सबको आनंदित करता है। इस प्रकार कविता सिखाती है कि समान परिस्थितियों में भी मनुष्य का व्यक्तित्व अलग हो सकता है। अच्छे गुण और सकारात्मक व्यवहार से इंसान समाज में आदरणीय बनता है, जबकि कटुता और क्रूरता से वह निंदनीय हो जाता है। यही इस कविता का गहरा जीवन संदेश है।
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