NCERT MCQ Solutions for Class 10 Hindi Sparsh अध्याय 11 तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र (प्रहलाद अग्रवाल) सत्र 2025-26 के लिए विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी में मदद करने के लिए हैं। ये बहुविकल्पीय प्रश्न अध्याय की गहराई से समझ और स्मरण को बढ़ाते हैं। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर सरल भाषा में दिया गया है जिससे विद्यार्थी आत्मविश्वास से बोर्ड परीक्षा में प्रदर्शन कर सकें और विषय को बेहतर ढंग से समझ सकें।
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तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र MCQ कक्षा 10 हिंदी स्पर्श अध्याय 11

Q1. ‘तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र’ पाठ के लेखक कौन हैं?

[A]. प्रेमचंद
[B]. सीताराम सेकसरिया
[C]. लीलाधर मंडलोई
[D]. प्रहलाद अग्रवाल

Q2. प्रहलाद अग्रवाल का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

[A]. 1940 में दिल्ली में
[B]. 1947 में मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में
[C]. 1950 में मुंबई में
[D]. 1960 में लखनऊ में

Q3. प्रहलाद अग्रवाल किस क्षेत्र को अपने लेखन का विषय बनाए रखने के लिए कृतसंकल्प हैं?

[A]. इतिहास
[B]. विज्ञान
[C]. फ़िल्म क्षेत्र
[D]. राजनीति

Q4. ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म को कौन-सी महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई थी?

[A]. यह सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फ़िल्म थी।
[B]. इसे कई अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले थे।
[C]. इसे राष्ट्रपति स्वर्ण पदक मिला था।
[D]. इसे सबसे लंबे समय तक चलने का रिकॉर्ड मिला।

शैलेंद्र का परिचय और लेखकीय दृष्टिकोण

इस अध्याय के माध्यम से हम शैलेंद्र जैसे बहुआयामी कलाकार के जीवन और सोच को जान पाते हैं। वे केवल गीतकार नहीं थे, बल्कि एक सच्चे संवेदनशील इंसान थे जिनके भीतर समाज के लिए गहरा भाव था। ‘तीसरी कसम’ जैसी फिल्म को बनाते समय उन्होंने जो संघर्ष किया, उससे यह स्पष्ट होता है कि वे कला को व्यापार नहीं, बल्कि साधना मानते थे। इस पाठ से हमें यह सीख मिलती है कि सच्ची कला मेहनत और सच्चाई से ही जन्म लेती है। कक्षा 10 हिंदी स्पर्श पाठ्यपुस्तक में इस अध्याय से संबंधित MCQ प्रश्न पढ़ना इसलिए ज़रूरी है क्योंकि ये न केवल परीक्षा में सहायक होते हैं, बल्कि अध्याय की गहराई को समझने में भी मदद करते हैं।

Q5. ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म किसकी कहानी पर आधारित थी?

[A]. मुंशी प्रेमचंद
[B]. फणीश्वरनाथ रेणु
[C]. मन्नू भंडारी
[D]. महादेवी वर्मा

Q6. शैलेंद्र को ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म बनाने में क्या मुश्किल आ रही थी?

[A]. कोई निर्देशक नहीं मिल रहा था।
[B]. कोई अभिनेता नहीं मिल रहा था।
[C]. निर्माता नहीं मिल रहा था जो पैसा लगाए।
[D]. कहानी पसंद नहीं आ रही थी।

Q7. शैलेंद्र को ‘कवि’ क्यों कहा गया है, इस पाठ के संदर्भ में?

[A]. क्योंकि वे गाने गाते थे।
[B]. क्योंकि वे गाने लिखते थे।
[C]. क्योंकि वे अत्यंत भावुक और संवेदनशील व्यक्ति थे।
[D]. क्योंकि वे कविताएँ लिखते थे।

Q8. राज कपूर ने शैलेंद्र को अपनी कौन-सी फ़िल्म के लिए गाने लिखने को कहा था?

[A]. आवारा
[B]. श्री 420
[C]. बरसात
[D]. सत्यम शिवम सुंदरम

फिल्म ‘तीसरी कसम’ का संघर्षपूर्ण निर्माण

‘तीसरी कसम’ फिल्म का निर्माण शैलेंद्र के लिए आसान नहीं रहा। उन्होंने गीतकार की सीमाओं से निकलकर एक निर्माता के रूप में कदम रखा और सब कुछ दांव पर लगा दिया। उन्होंने यह फिल्म किसी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि साहित्य और सिनेमा को मिलाकर एक सार्थक रचना देने के लिए बनाई थी। यह अध्याय हमें यह सिखाता है कि जब हम किसी उद्देश्य के लिए ईमानदारी से काम करते हैं, तो उसकी छाप सदियों तक रहती है। MCQ प्रश्नों का अभ्यास करने से इस संघर्ष के विभिन्न पहलुओं को संक्षेप में दोहराना आसान हो जाता है, जिससे परीक्षा में उत्तर देना सरल होता है।

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Q9. राज कपूर शैलेंद्र को क्या कहकर संबोधित करते थे?

[A]. कविराज
[B]. गुरुदेव
[C]. दोस्त
[D]. भाई

Q10. राज कपूर और शैलेंद्र के बीच अटूट संबंध का आधार क्या था?

[A]. व्यावसायिक संबंध
[B]. समान विचारधारा और सच्ची दोस्ती
[C]. पारिवारिक संबंध
[D]. आर्थिक लेन-देन

Q11. ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म को व्यावसायिक सफलता क्यों नहीं मिली?

[A]. इसकी कहानी बहुत पुरानी थी।
[B]. इसमें सितारे नहीं थे।
[C]. वितरकों ने इसे अस्वीकार कर दिया और इसमें कलात्मकता व संवेदनशीलता अधिक थी।
[D]. राज कपूर का अभिनय अच्छा नहीं था।

Q12. शैलेंद्र को किस बात पर क्रोध आ गया था, जब राज कपूर ने उनके गीत के लिए पैसा तय किया?

[A]. गाने की कीमत कम थी।
[B]. राज कपूर ने उन्हें पैसे देने में देरी की।
[C]. राज कपूर ने यह कहा कि वे उन्हें पैसे दे रहे हैं।
[D]. राज कपूर ने गीत पसंद नहीं किया।
शैलेंद्र की कला और विचारधारा

शैलेंद्र की सोच एक आम इंसान की सोच से बहुत अलग थी। वे मानते थे कि कलाकार का कर्तव्य केवल मनोरंजन करना नहीं, बल्कि समाज की सच्चाइयों को सामने लाना भी होता है। उन्होंने ‘तीसरी कसम’ में यह जिम्मेदारी निभाई और अपनी कला के माध्यम से लोगों को सोचने पर मजबूर किया। इस अध्याय में उनके आदर्श, संवेदनशीलता और निष्ठा के कई उदाहरण मिलते हैं। इसीलिए इस पाठ से जुड़े MCQ प्रश्नों को पढ़ना ज़रूरी है ताकि हम उनके जीवन से जुड़े मूल्यों को ठीक से समझ सकें और याद रख सकें।

Q13. ‘मेरा जूता है जापानी’ गीत में जापान, रूस और हिंदुस्तान का उल्लेख किस संदर्भ में था?

[A]. तीनों देशों के बीच युद्ध का वर्णन।
[B]. अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का चित्रण।
[C]. भारतीय संस्कृति की पहचान और राष्ट्रीय गौरव।
[D]. शैलेंद्र के यात्रा अनुभव।

Q14. शैलेंद्र की पहली और अंतिम फ़िल्म कौन सी थी, जिसमें उन्होंने पैसा लगाया था?

[A]. मेरा नाम जोकर
[B]. आवारा
[C]. तीसरी कसम
[D]. अनाड़ी

Q15. शैलेंद्र ने ‘तीसरी कसम’ में किसे हीरामन और हीराबाइ की भूमिका के लिए चुना था?

[A]. दिलीप कुमार और मधुबाला
[B]. राज कपूर और वहीदा रहमान
[C]. देव आनंद और नूतन
[D]. धर्मेंद्र और हेमा मालिनी

Q16. ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म को क्या कहा गया है, इसके प्रदर्शन के बाद?

[A]. एक व्यावसायिक फ़िल्म
[B]. एक असफल फ़िल्म
[C]. एक क्लासिक फ़िल्म
[D]. एक दस्तावेज़ी फ़िल्म
अध्याय के अध्ययन की उपयोगिता और परीक्षा हेतु तैयारी

‘तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र’ न केवल साहित्यिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अध्याय है, बल्कि यह हमें इंसानियत, ईमानदारी और संघर्ष की शिक्षा भी देता है। कक्षा 10 के छात्र जब इस अध्याय को पढ़ते हैं, तो उन्हें सिनेमा, साहित्य और समाज के बीच के रिश्तों की समझ भी विकसित होती है। MCQ प्रश्नों को हल करके छात्र न केवल मुख्य घटनाओं और तथ्यों को दोहराते हैं, बल्कि छोटे-छोटे बिंदुओं पर भी ध्यान देना सीखते हैं, जो परीक्षा में अच्छे अंक दिलाने में सहायक होता है। इसलिए अध्याय को ध्यानपूर्वक पढ़ना और उससे जुड़े बहुविकल्पी प्रश्नों का अभ्यास करना बहुत आवश्यक है।

Q17. फ़िल्म की संवेदनशीलता को बनाए रखने के लिए शैलेंद्र ने क्या समझौता नहीं किया?

[A]. व्यावसायिकता से
[B]. सितारों से
[C]. गीत-संगीत से
[D]. कहानी से

Q18. राज कपूर की फ़िल्म ‘मेरा नाम जोकर’ की असफलता के बाद शैलेंद्र ने क्या कहा था?

[A]. राज कपूर को फ़िल्में नहीं बनानी चाहिए।
[B]. राज कपूर को व्यावसायिक फ़िल्में बनानी चाहिए।
[C]. राज कपूर एक महान कलाकार हैं।
[D]. राज कपूर ने एक अच्छी फ़िल्म बनाई, भले ही वह व्यावसायिक रूप से असफल रही।

Q19. शैलेंद्र किस तरह के गीतों के लिए जाने जाते थे?

[A]. केवल प्रेम गीत
[B]. देशभक्ति गीत
[C]. आम आदमी के दुख-दर्द और संघर्ष से जुड़े गीत
[D]. केवल हास्य गीत

Q20. ‘सैल्यूलाइड पर एक कवि की संवेदनशील आत्मा’ वाक्यांश का क्या अर्थ है?

[A]. कवि की आत्मा कैमरे में कैद हो गई।
[B]. फ़िल्म में कवि ने अपना जीवन परिचय दिया।
[C]. फ़िल्म एक कवि की गहरी संवेदनशीलता और भावनाओं का प्रतिबिंब है।
[D]. फ़िल्म में कविताएँ दिखाई गईं।

Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11 MCQ में किस तरह के प्रश्न पूछे जाते हैं और इन्हें क्यों पढ़ना चाहिए?

Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11 MCQ में आमतौर पर पात्रों, घटनाओं, लेखक की सोच और फिल्म निर्माण से जुड़े तथ्यात्मक प्रश्न पूछे जाते हैं। जैसे — ‘तीसरी कसम’ किसने बनाई, शैलेंद्र का दृष्टिकोण क्या था, या फिल्म में किस अभिनेता ने क्या भूमिका निभाई। इन प्रश्नों का अभ्यास करने से न केवल पाठ बेहतर समझ में आता है, बल्कि परीक्षा की तैयारी भी सटीक होती है। ये MCQ हमें पाठ की बारीक बातों पर ध्यान देना सिखाते हैं जो सामान्य पढ़ाई में छूट सकती हैं। छोटे-छोटे विकल्पों में सही उत्तर ढूंढ़ना एक तरह का मानसिक अभ्यास है जो हमारी स्मरणशक्ति और विश्लेषण क्षमता दोनों को मजबूत करता है।

Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11 MCQ से हमें शैलेंद्र के बारे में क्या खास बातें समझने को मिलती हैं?

Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11 MCQ का अभ्यास करते हुए हमें शैलेंद्र के व्यक्तित्व की कई विशेषताएँ समझ में आती हैं। जैसे, वे केवल एक गीतकार नहीं थे बल्कि एक आदर्शवादी, संवेदनशील और ईमानदार इंसान थे। उन्होंने फिल्म ‘तीसरी कसम’ केवल व्यापार के लिए नहीं बनाई, बल्कि यह उनके भीतर के कलाकार की सच्ची अभिव्यक्ति थी। MCQ प्रश्नों से हम ये भी जान पाते हैं कि उन्होंने अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया, चाहे नुकसान ही क्यों न हो। ये प्रश्न हमें याद दिलाते हैं कि एक सच्चा कलाकार वही होता है जो कला को साधना मानता है। इसलिए MCQ अभ्यास से हम विषय की गहराई में उतर पाते हैं।

Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11 MCQ की तैयारी करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11 MCQ की तैयारी करते समय सबसे ज़रूरी है पाठ की संपूर्ण समझ। केवल रट्टा लगाने से सही उत्तर नहीं मिलते, इसलिए हर लाइन को ध्यान से पढ़ें। मुख्य पात्रों के नाम, घटनाओं का क्रम और लेखक की सोच को अलग से नोट करें। कोशिश करें कि हर प्रश्न के पीछे छिपे भाव को भी समझें। अभ्यास करते समय गलत उत्तरों पर भी ध्यान दें — इससे अगली बार गलती दोहराने की संभावना कम होगी। नियमित रूप से 10-15 MCQ हल करना एक अच्छी आदत है। यह अभ्यास न केवल परीक्षा में लाभ देता है, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ाता है।